Sunday, 29 April 2012

Energy Conservation

Energy Consrvation in domestic use
उर्जा संरक्षण
उर्जा कार्य करने की छमता तथा प्रचुर मात्रा में होना समृधि का परिचायक है. जिस देश में उर्जा के संसाधन जितना ज्यादा होगा वह देश उतना ही खुशाल होगा.
उर्जा के श्रोत सिमित है. अमूनन हमारी मांग करीब १६% की दर से बढ़ रही है लेकिन उर्जा की बढ़ोतरी दर १२% के करीब है. ४% की दर से उर्जा की कमी होती जा रही है जो हमारे विकाश तथा देश के विकाश में बाधा है. सबसे बड़ी चिंता यह है कि आने वाले ४०-५० वर्षो के बाद ये सिमित उर्जा श्रोत समाप्त हो जायेंगे तब उर्जा विहीन जिंदगी घोर बेचैनी पैदा करेगी.
                              
                 
कोयला तेल तथा गैस आदि सभी सीमित है.हमें इनके खर्च पर नियंत्रण रखना होगा व अन्य वैकल्पिक श्रोत की खोज करनी होगी. हमारे पास सौर उर्जा पवन,उर्जा, बायो गैस जल उर्जा तथा तरंग उर्जा जैसे कई श्रोत उपलब्ध है जो असीमित मात्रा में है.  सौर उर्जा से चलने वाले उपकरण सोलर लेम्प, सोलर वाटर हीटर तथा सोलर सेल आदि का भरपूर उपयोग करना चाहिए.
उर्जा की बचत उर्जा पैदा कर्न्ने से बढ़कर है. हम उर्जा की बचत आज से हीं करे.


रसोई में काम करते वक्त ----
-उबालने के लिए प्रेशर कुकर का प्रयोग करें.
-दाल,चना आदि जैसे को उबलने से पहले भिगों दे.
-पानी की मात्रा ठीक-ठीक रखें.
-फ्रिज में रखी वस्तु उपयोग से आधा घंटा पहले बाहर निकाल लें.
-पांच स्टार रेटिंग उपकरण खरीदें.
लाइटिंग में उर्जा संरक्षण-
-टीवी व कम्पुटर आदि जब प्रयोग में न हो तो बंद कर दें.
-हल्के रंग का पर्दा तथा पेंट का प्रयोग करें.
-प्राकृतिक रोशनी का अधिक प्रयोग करें.
-फिलामेंट लेम्प की जगह सी एफ एल का प्रयोग करें.
-एल ई डी लाईट का प्रयोग करें.
-पांच स्टार रेटिंग उपकरण खरीदें.
-ए.सी प्रयोग करते समय खिरकी दरवाजे बंद रखें.
-टी -चालीस की जगह टी-अठाईस टूब लाईट का प्रयोग करें.
-गर्मी में drier का प्रयोग न करें. 
  स्थानीय स्तर पर उर्जा की बचत -
पर्सोनल गाड़ी के बजाय शैरेड गाड़ी का प्रयोग करें.
काम दुरी के लिए पैदल चलें या साईकिल का प्रयोग करें.
फ्लैट एक मंजिल से ज्यादा का बनायें.
फैक्ट्री में उर्जा की बचत-
-उर्जा संरक्षण सेल बनायें.
-हवा, पानी, बिजली के खर्च पर नियंत्रण रखें.
-प्रोसेस में नई तकनीक का प्रयोग करें.
बिजली की कमी, जल की कमी परदुषण से होने वाली बीमारियाँ , इंधन की कमी, अन्य प्राकृतिक संसाधनों  की किल्लत , कृषि भूमि में हो रही कमी जैसी अनगिनत चुनौतियां हैं.
  चुनौतियां हमेशा बनी रहेगीं लेकिन यह हम पर निर्भर करता है कि हम प्रगति तथा विकाश के लिए उन्हें अवसरों में कैसे बदलते है.
उर्जा बचत की संस्कृति का करें विकाश I
उज्वल होगा भविष्य व घर- घर होगा प्रकाश II”

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